भाजपा पदाधिकारी के स्वागत वाली तस्वीर वायरल, एसपी ने दिए जांच के आदेश

ख़बर शेयर करें -

एसपी चंद्रशेखर घोड़के ने लिया संज्ञान, सीओ बागेश्वर को सौंपी जांच; कहा- निष्पक्षता से समझौता नहीं

पुलिस मुख्यालय की सोशल मीडिया नियमावली के तहत हुई कार्रवाई, कर्मियों को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी

बागेश्वर। जिले में पुलिस कर्मियों के आचरण और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक विवादित तस्वीर वायरल होने के बाद, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने तत्काल संज्ञान लेते हुए विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। वायरल हो रही तस्वीर में बागेश्वर कोतवाल समेत उनके कुछ सहयोगी पुलिसकर्मी एक भाजपा पदाधिकारी का स्वागत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

यह मामला पुलिस की आचार संहिता और निष्पक्षता के स्पष्ट उल्लंघन के दायरे में आता है। एसपी घोड़के ने बताया कि फोटो वायरल होने की जानकारी मिलते ही मामले की गंभीरता को समझा गया।

यह भी पढ़ें 👉  रास्ते के विवाद में दो युवकों पर जानलेवा हमला, एक की मौत

सीओ बागेश्वर करेंगे जांच

एसपी ने इस संवेदनशील मामले की जांच की जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी (सीओ) बागेश्वर अजय साह को सौंपी है। एसपी घोड़के ने स्पष्ट किया कि जांच पूरी होने के बाद संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि पुलिस बल की निष्पक्षता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। पुलिस की छवि जनता के विश्वास पर आधारित है, और इस विश्वास को बनाए रखने के लिए अनुशासनहीनता या आचार संहिता के उल्लंघन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


सोशल मीडिया नियमावली का उल्लंघन

एसपी घोड़के ने जोर देकर कहा कि पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी सोशल मीडिया नियमावली के तहत पुलिसकर्मियों को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने और किसी भी तरह की ऐसी सार्वजनिक छवि प्रस्तुत करने से बचने के निर्देश पहले से ही दिए जा चुके हैं। इस नियमावली का उल्लंघन सीधे तौर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में आता है।

यह भी पढ़ें 👉  सार्वजनिक स्थानों पर हुडदंग पर पुलिस सख्त, मारपीट, गालीगलौज कर रहे दो गिरफ्तार

समस्त स्टाफ को किया गया सचेत

इस घटना के बाद, एसपी ने जिले के समस्त अधिकारी और कर्मचारियों को पुनः निर्देशित किया है कि वे सोशल मीडिया पर अपनी गतिविधियों को लेकर अत्यधिक सतर्क रहें और नियमावली का कड़ाई से पालन करें। सभी को सचेत किया गया है कि वे किसी भी प्रकार की राजनीतिक छवि या गतिविधि में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल न हों।

गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों का राजनीतिक दलों से सार्वजनिक रूप से जुड़ाव न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह विभाग की निष्पक्षता और छवि को भी गहरा नुकसान पहुंचाता है। यह मामला फिलहाल जांचाधीन है, और सभी की निगाहें अब सीओ बागेश्वर की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिसके बाद ही संबंधित पुलिसकर्मियों पर होने वाली कार्रवाई तय होगी।

Ad Ad Ad