खतरे’ की घंटी: सरयू में बहा आदमी, इमारतों में आई दरारें; प्रशासन ने घंटों मोर्चा संभाला

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बागेश्वर। शनिवार (15 नवंबर 2025) को बागेश्वर जिले में उस समय हड़कंप मच गया, जब संभावित भूकंप और उससे जुड़ी आपदाओं से निपटने के लिए एक बड़ा सुरक्षा अभ्यास शुरू किया गया। 6.8 तीव्रता के ‘भूकंप’ के सिमुलेशन ने जिलेभर में ‘प्रलय’ का सीन क्रिएट कर दिया, जहां प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस ने वास्तविक आपदा की तरह घंटों मोर्चा संभाला

स्कूल से बिजली घर तक, हर जगह दिखा एक्शन

अभ्यास की शुरुआत सुबह 9:57 बजे महर्षि विद्या मंदिर, बिलौना से हुई, जहां 6.8 तीव्रता के भूकंप का सिमुलेशन किया गया। पुलिस, फायर और मेडिकल की टीमें निर्धारित समय में मौके पर पहुंची और भवन की जांच कर तीन बच्चों को सुरक्षित निकाला। दो बच्चों को मामूली चोटें आईं, जबकि 11 को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।

इसके तुरंत बाद, गरुड़ क्षेत्र के पुरड़ा और गागरीगोल स्पोर्ट्स ग्राउंड में भूस्खलन जैसी स्थिति का अभ्यास किया गया, जिसमें सात लोग घायल हुए। इनमें से चार को हायर सेंटर रेफर किया गया, जबकि तीन घायलों का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ में जारी रहा।

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कांडा और कपकोट में भी दिखा समन्वय

10:13 बजे तहसील कार्यालय कांडा में दो आवासीय भवनों में दरारें आने का सीन बनाया गया। यहां छह लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार दिया गया। इसके बाद कपकोट में 10:19 बजे विद्युत उपकेंद्र में शॉर्ट सर्किट का अभ्यास हुआ, जहां पाँच लोग घायल हुए, जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कपकोट में उपचार दिया गया। बड़ी बात यह रही कि विद्युत लाइन की खराबी को मात्र 20 मिनट में ठीक कर आपूर्ति सामान्य कर दी गई।

अस्पताल में अफरा-तफरी, सरयू नदी में रेस्क्यू

जिला चिकित्सालय में 10:22 बजे भवन क्षतिग्रस्त होने और शॉर्ट सर्किट की घटना का अभ्यास किया गया। इस दौरान छह लोग घायल हुए और तत्काल चिकित्सा सेवा शुरू की गई। घटना के समय अस्पताल में लगभग 300 लोग मौजूद थे।

सबसे चुनौतीपूर्ण अभ्यास बागनाथ क्षेत्र में 10:28 बजे हुआ, जहां मलबे में दबने के साथ ही एक व्यक्ति के सरयू नदी में बहने का सिमुलेशन किया गया। एसडीआरएफ की टीम ने तेजी से प्रतिक्रिया करते हुए नदी में गिरे व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला। इस स्थल से छह घायलों को जिला चिकित्सालय ले जाया गया। यहां लगभग 150 लोग मौजूद थे।

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डीएम ने किया रियल-टाइम मॉनिटरिंग

जिलाधिकारी आकांक्षा कोंडे ने आपातकालीन परिचालन केंद्र से सभी घटनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास वास्तविक आपदा की तैयारी, समयबद्ध कार्रवाई और विभागों के बीच समन्वय को मजबूत करने का सबसे प्रभावी माध्यम है। उन्होंने पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, फायर सर्विस और स्थानीय प्रशासन की पेशेवर, त्वरित और प्रभावी कार्यप्रणाली की सराहना की।

अभ्यास समाप्त होने के बाद डिब्रीफिंग सत्र में सभी घटनास्थलों से मिले फीडबैक की समीक्षा की गई। इसमें टीमों की तैनाती के समय, संचार व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन और राहत-बचाव प्रक्रिया में आई चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई ताकि भविष्य की कमियों को दूर किया जा सके। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी आर.सी. तिवारी, अपर जिलाधिकारी एन.एस. नबियाल और आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल सहित कई संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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